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मंगलवार, 30 जून 2015

मास्टरजी को वरुणदेव ने जब सन्नी लियोन से मिलाया

भोलेभाले टीचर्स को समर्पित

(अगर आप किसी कारणवश चिंतित, व्याकुल, परेशान हैं तो पूरी कहानी अवश्य पढ़ें... आपको कहानी तरोताज़ा कर देगी और पुरे दिन ताज़गी बनी  रहेगी....राजेश मिश्रा))

गुरूजी विद्यालय से घर लौट रहे थे ।
रास्ते में एक नदी पड़ती थी ।
नदी पार करने लगे तो ना जाने क्या सूझा , एक पत्थर पर बैठ अपने झोले में से पेन और कागज
निकाल अपने वेतन का हिसाब निकालने लगे ।
अचानक….. हाथ से पेन फिसला और डुबुक …. पानी में डूब गया । गुरूजी परेशान । आज ही सुबह पूरे पांच रूपये खर्च कर खरीदा था। कातर दृष्टि से कभी इधर कभी उधर देखते , पानी में उतरने का प्रयास करते , फिर डर कर कदम खींच लेते ।
एकदम नया पेन था , छोड़ कर जाना भी मुनासिब न था ।
अचानक…….
पानी में एक तेज लहर उठी , और साक्षात् वरुण देव सामने थे । गुरूजी हक्के -बक्के ।
कुल्हाड़ी वाली कहानी याद आ गई ।

वरुण देव ने कहा , ”गुरूजी, क्यूँ इतने परेशान हैं । प्रमोशन , तबादला , वेतनवृद्धि ,क्या चाहिए ?
गुरूजी अचकचाकर बोले , ” प्रभु ! आज ही सुबह एक पेन खरीदा था । पूरे पांच रूपये का ।
देखो ढक्कन भी मेरे हाथ में है । यहाँ पत्थर पर बैठा लिख रहा था कि पानी में गिर गया
प्रभु बोले , ” बस इतनी सी बात ! अभी निकाल लाता हूँ ।”
प्रभु ने डुबकी लगाई , और चाँदी का एक चमचमाता पेन लेकर बाहर आ गए ।
बोले – ये है आपका पेन ?
गुरूजी बोले – ना प्रभु । मुझ गरीब को कहाँ ये चांदी का पेन नसीब । ये मेरा नाहीं ।
प्रभु बोले – कोई नहीं , एक डुबकी और लगाता हूँ डुबुक …..
इस बार प्रभु सोने का रत्न जडित पेन लेकर आये।
बोले – “लीजिये गुरूजी , अपना पेन ।”
गुरूजी बोले – ” क्यूँ मजाक करते हो प्रभु । इतना कीमती पेन और वो भी मेरा । मैं टीचर हूँ सर,
मंत्री का चेला  नहीं ।
थके हारे प्रभु ने कहा , ” चिंता ना करो गुरुदेव। अबके फाइनल डुबकी होगी ।
डुबुक ….
बड़ी देर बाद प्रभु उपर आये । हाथ में गुरूजी का जेल पेन लेकर ।
बोले – ये है क्या ? गुरूजी चिल्लाए – हाँ यही है , यही है ।
प्रभु ने कहा – आपकी इमानदारी ने मेरा दिल जीत लिया गुरूजी ।
आप सच्चे गुरु हैं । आप ये तीनों पेन ले लो ।
गुरूजी ख़ुशी – ख़ुशी घर को चले ।
.
कहानी अभी बाकी है दोस्तों —राजेश मिश्रा

-
गुरूजी ने घर आते ही सारी कहानी पत्नी जी को सुनाई, चमचमाते हुवे कीमती पेन भी दिखाए ।
पत्नी को विश्वास ना हुआ , बोली तुम किसी बड़े अधिकारी का चुरा कर लाये हो ।
बहुत समझाने पर भी जब पत्नी जी ना मानी तो गुरूजी उसे घटना स्थल की ओर ले चले ।
दोनों उस पत्थर पर बैठे , गुरूजी ने बताना शुरू किया कि कैसे – कैसे सब हुवा पत्नी एक एक कड़ी को किसी शातिर पुलिसिये की तरह जोड़ रही थी कि अचानक …….डुबुक !!!
पत्नी का पैर फिसला , और वो गहरे पानी में समा गई ।
गुरूजी की आँखों के आगे तारे नाचने लगे । ये क्या हुआ ! जोर -जोर से रोने लगे ।
तभी अचानक ……
पानी में ऊँची ऊँची लहरें उठने लगी । नदी का सीना चीरकर साक्षात वरुण देव प्रकट हुए  ।
बोले – क्या हुआ गुरूजी ? अब क्यूँ रो रहे हो ?
गुरूजी ने रोते हुए सारी कहानी प्रभु को सुनाई।
प्रभु बोले – रोओ मत। धीरज रखो । मैं अभी आपकी पत्नी को निकाल कर लाता हूँ।
प्रभु ने डुबकी लगाईं ,
और …....
थोड़ी देर में
वो सनी लियोनी को लेकर प्रकट हुए ।
बोले –गुरूजी । क्या यही आपकी पत्नी जी है ??
गुरूजी ने एक क्षण सोचा, और चिल्लाए – हाँ यही है , यही है ।
अब चिल्लाने की बारी प्रभु की थी ।
बोले – दुष्ट मास्टर ।
टंच माल देखा तो नीयत बदल दी । ठहर तुझे श्राप देता हूँ ।
गुरूजी बोले – माफ़ करें प्रभु । मेरी कोई गलती नहीं ।
अगर मैं इसे मना करता तो आप अगली डुबकी में प्रियंका चोपड़ा को लाते ।
मैं फिर भी मना करता तो आप मेरी पत्नी को लाते ।
फिर आप खुश होकर तीनों मुझे दे देते ।
अब आप ही बताओ भगवन, इस महंगाई के जमाने में मैं तीन – तीन बीबीयाँ कैसे पालता ।
सो सोचा, सनी से ही काम चला लूँगा ।
और इस ठंड में आप भी डुबकियां लगा लगा कर थक गये होंगे ।
जाइये विश्राम करिए ।
छपाक … ?????
एक आवाज आई । प्रभु बेहोश होकर पानी में गिर गए थे ।
गुरूजी सनी का हाथ थामे सावधानीपूर्वक धीरे – धीरे नदी पार कर रहे थे ,,,
मुझे मालूम है पोस्ट अच्छी लगी कृपया पोस्ट लाइक करेँ
कहानी अच्छी लगी तो राजेश मिश्रा को आशीर्वाद कीजिये.... जय जय श्री राधे... जय माता दी. 

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