बुधवार, 14 सितंबर 2011

भारत माँ की आवाज़

आज की आवाज़
 
 
10 रुपए का नोट बहुत ज्यादा लगता है जब " गरीब को देना हो " मगर होटल में बैठे हो तो 1000 भी बहुत कम लगता है !

**3 मिनट इश्वर को याद करना बहुत मुश्किल है, पर 3 घंटे की फिल्म देखना बहुत आसान !

***पूरे दिन मेहनत क बाद जिम जाना नही थकता, पर जब अपने ही "माँ- बाप" के पैर दबाने हो तो तंग हो जाते है !

**इस मेसेज को फॉरवर्ड करना बहुत मुश्किल होता है, जब की फ़िज़ूल जोक्स को फॉरवर्ड करना हमारा फ़र्ज़ बन जाता है.......

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koi jhijhak nahi, kripya kuchh bhi jarur likhen....
or aage achha karne-likhne ka sahas badhayen.