रामप्यारी (ताऊ से)- जब आप तेजी से कार चलाते हुए टर्निग लेते हो तो मुझे डर लगता है कि कहीं कोई दुर्घटना न हो जाए।
ताऊ (रामप्यारी से)- बेवकूफ , ऐसे मौकों पर तुम डरो मत मेरी तरह तुम भी चुपचाप आंखें बंद कर लिया करो।
ताऊ मस्ती के मूड में थे, पहुँच गए डाक्टर के पास ।
ताऊ (डॉक्टर से)- डॉक्टर साहब, मुझे एक समस्या है।
डॉक्टर (ताऊ से)- क्या?
ताऊ- मुझे बात करते वक्त आदमी दिखाई नहीं देता।
डॉक्टर- ऐसा कब होता है?
ताऊ- जब-जब मैं फोन पर बात करता हूं।

बेटा (बाप से)- पापा मैं इतना बड़ा कब हो जाऊगा कि मम्मी से बिना पूछे कही जा सकूं ।
बाप (बेटे से)- इतना बड़ा तो मैं भी अभी नहीं हुआ हूं।
एक दिन मैं एक दुकान में गया। कभी कोई चीज उठाता, उसे देखता फिर उसेरखकर दूसरी चीज उठा लेता। कुछ पूछताछ भी की दुकानदार से , लेकिन कुछखरीदा नहीं।
काफी देर तक मैंने ऐसा ही किया तो झुंझलाकर दुकानदार ने पूछा- श्रीमानजी,आखिर आपको चाहिए क्या?
मौका! मैंने जवाब दिया।
एक बार , मैं टिकेट की लाइन में लगा हुआ था तभी एक हट्टा-तगड़ा सरदारआता है और मुझे हटने के लिए कहता है .
मैं -मैं क्यों हटू ?
सरदार -हट जा नहीं तो ..
मैं - नहीं तो क्या ?
(सरदार मुझे एक झापड़ मार देता है)
मैं - सरदार जी, आपने ये झापड़ मजाक में तो नहीं मारा है ना ?
सरदार -नहीं ?
मैं - ठीक है ,तब कोई बात नहीं .
सरदार -तुम ऐसा क्यों पूछ रहे ?
मैं - क्योंकि मुझे मजाक पसंद नहीं .
एक दिन वही सरदार जी मुझे मिल गए एक ऊँचे पहाड़ के ऊपर बैठकर पढाई कररहे थे .
मैंने , उनसे पुछा, -'' क्या कर रहे हो ?''
सरदार जी ने जवाब दिया, '' हायर स्टडीज ''
मैं (एक दिन ) - ऐसी जिंदगी से तो मौत अच्छी ....
अचानक यमदूत आ गए..और बोले.. तुम्हारी जान लेने का हुक्म है।
मैं - लो बताओ, अब इंसान मजाक भी नही कर सकता है क्या...?
अपने वकील साहब (चोर से)- क्या तुमने चोरी की थी ?
चोर (वकील साहब से)- जी साहब।
वकील साहब- यह बताओ कि तुमने चोरी कैसे की ?
चोर- रहने दीजिए वकील साहब, अब इस उम्र में आप चोरी के गुण सीखकर क्या करेंगे!
टीचर (रामप्यारी से)- तुम मेरी कक्षा में सो नहीं सकती ।
रामप्यारी (टीचर से)- सर, सो तो सकती हूं अगर आप जोर से ना बोलें।

ताऊ (रामप्यारी से)- बेवकूफ , ऐसे मौकों पर तुम डरो मत मेरी तरह तुम भी चुपचाप आंखें बंद कर लिया करो।
ताऊ मस्ती के मूड में थे, पहुँच गए डाक्टर के पास ।
ताऊ (डॉक्टर से)- डॉक्टर साहब, मुझे एक समस्या है।
डॉक्टर (ताऊ से)- क्या?
ताऊ- मुझे बात करते वक्त आदमी दिखाई नहीं देता।
डॉक्टर- ऐसा कब होता है?
ताऊ- जब-जब मैं फोन पर बात करता हूं।

बेटा (बाप से)- पापा मैं इतना बड़ा कब हो जाऊगा कि मम्मी से बिना पूछे कही जा सकूं ।
बाप (बेटे से)- इतना बड़ा तो मैं भी अभी नहीं हुआ हूं।
एक दिन मैं एक दुकान में गया। कभी कोई चीज उठाता, उसे देखता फिर उसेरखकर दूसरी चीज उठा लेता। कुछ पूछताछ भी की दुकानदार से , लेकिन कुछखरीदा नहीं।
काफी देर तक मैंने ऐसा ही किया तो झुंझलाकर दुकानदार ने पूछा- श्रीमानजी,आखिर आपको चाहिए क्या?
मौका! मैंने जवाब दिया।
एक बार , मैं टिकेट की लाइन में लगा हुआ था तभी एक हट्टा-तगड़ा सरदारआता है और मुझे हटने के लिए कहता है .
मैं -मैं क्यों हटू ?
सरदार -हट जा नहीं तो ..
मैं - नहीं तो क्या ?
(सरदार मुझे एक झापड़ मार देता है)
मैं - सरदार जी, आपने ये झापड़ मजाक में तो नहीं मारा है ना ?
सरदार -नहीं ?
मैं - ठीक है ,तब कोई बात नहीं .
सरदार -तुम ऐसा क्यों पूछ रहे ?
मैं - क्योंकि मुझे मजाक पसंद नहीं .
एक दिन वही सरदार जी मुझे मिल गए एक ऊँचे पहाड़ के ऊपर बैठकर पढाई कररहे थे .
मैंने , उनसे पुछा, -'' क्या कर रहे हो ?''
सरदार जी ने जवाब दिया, '' हायर स्टडीज ''
मैं (एक दिन ) - ऐसी जिंदगी से तो मौत अच्छी ....
अचानक यमदूत आ गए..और बोले.. तुम्हारी जान लेने का हुक्म है।
मैं - लो बताओ, अब इंसान मजाक भी नही कर सकता है क्या...?
अपने वकील साहब (चोर से)- क्या तुमने चोरी की थी ?
चोर (वकील साहब से)- जी साहब।
वकील साहब- यह बताओ कि तुमने चोरी कैसे की ?
चोर- रहने दीजिए वकील साहब, अब इस उम्र में आप चोरी के गुण सीखकर क्या करेंगे!
टीचर (रामप्यारी से)- तुम मेरी कक्षा में सो नहीं सकती ।
रामप्यारी (टीचर से)- सर, सो तो सकती हूं अगर आप जोर से ना बोलें।

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koi jhijhak nahi, kripya kuchh bhi jarur likhen....
or aage achha karne-likhne ka sahas badhayen.