राज जी (ताऊ से)- शादी में दूल्हे के साथ बाराती क्यों जाते हैं?
ताऊ - क्योंकि बड़े कहते हैं कि किसी की खुशी में जाओ या न जाओ पर मुसीबत में जरूर जाना चाहिए।
ताऊ (डॉक्टर से)- मुझे अजीब सी बीमारी हो गयी है.. जब मेरी बीवी (ताई ) बोलती है तो मुझे कुछ सुनाई नही देता..
डॉक्टर- ये बीमारी नही खुदा की नियामत है
ज्ञान जी ने आने वाले से पूछा, " क्या तुम्हें पता नही कि आज्ञा के बिना अन्दर आना मना है।"
आने वाला, "जनाब मैं आज्ञा लेने के लिए ही अन्दर आया हूं।"
यात्री (मुझसे )- तुमने मेरी जेब में हाथ क्यों डाला?
मैं - मुझे माचिस चाहिए थी। यात्री- तुम मुझसे मांग सकते थे।
मैं - मैं अजनबियों से बात नही करता
सुरेन्द्र जी को उनके दोस्त ने खाने पर बुलाया।
सुरेन्द्र जी जब दोस्त के घर गए तो घर पर ताला लगा था, और लिखा था मैंने तुमको बेवकूफ बनाया।
सुरेन्द्र जी ने होशियारी दिखायी और नीचे लिख दिया, मैं तो आया ही नही था।
सुरेन्द्र जी की पत्नी (सुरेन्द्र जी से)- तुम्हें मेरी कौन सी बात सबसे अच्छी लगती है, मेरी खूबसूरती या मेरी समझदारी।
सुरेन्द्र जी - मुझे तुम्हारी ये मजाक करने की आदत बहुत अच्छी लगती है
अध्यापिका - रामप्यारी ! तुम्हारा सारा होमवर्क गलत है।
आखिर इसका क्या कारण है??
रामप्यारी - जी, कारण तो ताऊ ही बता सकते है
अध्यापक ने रामप्यारी से कहा, मैने कल तुम्हें जो हिंन्दी मे पाठ पढाया था, उसे सुनाओ ।
रामप्यारी - टीचर जी , आता नही है। इस पर अध्यापक ने कहा, नही आता तो ऐसा करो जो आता है वही सुनाओ।
रामप्यारी बोली - मुझे तो गाना आता है वही सुना दूँ ?
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koi jhijhak nahi, kripya kuchh bhi jarur likhen....
or aage achha karne-likhne ka sahas badhayen.