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मंगलवार, 23 अगस्त 2011

HOWRAH BRIDGE HISTORY

हावड़ा ब्रिज की जानकारी


रोज ऐसे ही जाम का नज़ारा देखने को मिलती है.. हावड़ा पुल पर 

हावड़ा ब्रिज कोलकाता (पश्चिम बंगाल ) में स्थित है. इसका निर्माण 1939 में शुरू हुआ और यह 1943 में जनता के लिए खोला गया था. अनुमान के इस बड़े पुल के निर्माण की राशि 333 करोड़ रुपए थी । यह दुनिया में ब्रैकट पुल से एक है. यह इस्पात की 26,500 टन से बनाया गया है. यह पुल कोलकाता और हावड़ा को जोड़ता है. 60,000 वाहनों और पैदल चलने वालों को रोज ढोता है। यह पुल रवींद्र सेतु, महान रवींद्रनाथ टैगोर, प्रसिद्ध कवि, संगीतकार के नाम से जाना जाता है. प्रमुख ईडन गार्डन और मिलेनियम पार्क जैसे पर्यटन स्थल इस पुल के पास स्थित है. रवीन्द्र सेतु (बांग्ला में रबीन्द्र सेतु) भारत के पश्चिम बंगाल में हुगली नदी के उपर बना एक "कैन्टीलीवर सेतु" है। यह हावड़ा को कोलकाता से जोड़ता है। इसका मूल नाम "नया हाव। दा पुल" था जिसे बदलकर 14 जून सन् 1965 को रवीन्द्र सेतु कर दिया गया। किन्तु अब भी यह "हावड़ा ब्रिज" के नाम से अधिक लोकप्रिय है। यह अपने तरह का छठवाँ सबसे बड़ा पुल है।
करोड़ो लोग रोटी की तलाश में इस पुल को पार कर देश से सबसे बड़ेशहरों में से एक कोलकाता में प्रवेश करते हैं और भीड़ का हिस्सा बन जाते हैं। जैसे ही आप रेल से उतर कर हावड़ा रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते हैं, सामने हावड़ा ब्रिज गर्व से मुस्कुराता दिखाई देता है। देश में नदियों पर हजारों पुल बने हैं पर हावड़ा ब्रिज कोलकाता का प्रवेश द्वार है वहीं ये शहर का लैंडमार्क( पहचान) भी बन चुका है।
हावड़ा ब्रिज इंजीनियरिंग का चमत्कार है । यहदुनिया के व्यस्ततम केन्टी लीवर ब्रिज में से एक है। इस पुल का निर्माण 1939 में शुरू हुआ और यह1943 में जनता के लिए खोला गया। हावड़ा औरकोलकाता को जोड़ने वाला हावड़ा ब्रिज जब बनकरतैयार हुआ था तो इसका नाम रखा गया था न्यू हावड़ाब्रिज । पर 14 जून 1965 को गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोरके नाम पर इसका नाम रवींद्र सेतू कर दिया गया परलोग इसे अभी भी हावड़ा ब्रिज के नाम से ही बुलाते हैं।
हावड़ा ब्रिज के निर्माण में 26 हजार टन स्टील से बना है। इसमें किसी नट बोल्ट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह पुल 1500 फीट ( 457 मीटर) फुट लंबा है। गर्मी के दिनों में इसकी लंबाई तीन फुट तक बढ़जाती है। अनुमान के इस बड़े पुल के निर्माण की राशि 333 करोड़ रुपये थी। आजकल इस पुल से डेढ लाखवाहन दो लाख पदयात्री रोजाना गुजरते हैं।
कहा जा रहा है कि हावड़ा ब्रिज पर लोग पान-गुटखे की इतनी पीक थूक रहे हैं कि इसके खंभों पर ज़ंग लग रहाहै। पश्चिम बंगाल की पहचान बन चुका हावड़ा ब्रिज को आठ साल बाद 2014 में नए रंग से रंगा जा रहा है।
1962 में बनी फिल्म चायना टाउन में 1971 में अमरप्रेम में ये पुल दिखाई देता है। ये पुल इतना लोकप्रिय हैकि इसी नाम से हावड़ा ब्रिज फिल्म 1958 में बनी। इस फिल्म में गीता दत्त का गाया गीत... मेरा नामचिन-चिन-चू चिन-चिन-चू बाबा चिन-चिन-चू रातचाँदनी मैं और तू ....काफी लोकप्रिय हुआ। 1969 कीफिल्‍म 'खामोशी' का एक गाना है, गुलजार का लिखाऔर किशोर दा का गाया : 'वो शाम कुछ अजीब थी...'में राजेश खन्ना और वहीदा रहमान हावड़ा ब्रिज परदिखाई देते हैं।

देवानंद की तीन देवियां, राजकपूर की राम तेरी गंगा मैली, अंग्रेजी फिल्म सिटी ऑफ जॉय, 2004 में आईमणिरत्नम की युवा, इम्तियाज अली की 2009 की फिल्म लव आजकल, 2012 में अनुराग बासु का बर्फी तो2014 यशराज के गुंडे में हावड़ा ब्रिज दिखाई देता है।
15 नवंबर 2013 को कोलकाता के दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने हावड़ा ब्रिज और रेलवेस्टेशन का सैर की। वैसे कोलकाता में हुगली पर विद्यासागर सेतु और निवेदिता सेतु नामक दो और पुल हैं परहावड़ा ब्रिज से कोलकाता में प्रवेश करने की बात ही कुछ और है।

पुराना हावड़ा पुल
हावड़ा पुल का रात्रिकालीन दृश्य

करीब से (अर्मेनियम घाट ) हावड़ा पुल
राजेश मिश्रा, कोलकाता

6 टिप्‍पणियां:

santoshkumarsahu ने कहा…

ITANI BEHTARIN JANKARI KE LIYE BAHUT 2 DHANYAWAD MISHRA JI.

Unknown ने कहा…

hallo i'mamit varanasi u.p. se. Log kahate hai k hawra bridge me koi time wali ghari lagi hai jo ke 12 o kloc par set hai aur kahte hai ke kabhi bhi right 12 baje ye pul tut sakta hai. iske d. Bare me kuch maloom ho to hame bataye . Mail karen. Amitkumar8595@gmail.com

Unknown ने कहा…

hey i am shashank jaiswal maine suna hai ki jab koiye badi ship aati hai to hawara bridge bech say tout jata hai aur ship k jane k bad phir say joude
kya saahi hai ye baat

Unknown ने कहा…

I am chandu ,,itani jankari dene ke liye dhanyawad

Unknown ने कहा…

I am chandu ,,itani jankari dene ke liye dhanyawad

Unknown ने कहा…

Is bridge ko jis engineer ne banaya hai vastav me bahut hi buddhiman hai aaj ke engineering ko isse prerna lekar Duniya ko achhi achhi upalabhdh hi pradan karni chahiye achhi jankari dene ke liye bahut bahut Dhanyawad....