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मंगलवार, 23 अगस्त 2011

गहरी चाहत "मंजिल" नहीं...

इसका नाम सिर्फ "हवस" ही हो सकता है
स्पाउस के अलावा किसी और से इमोशनल अटैचमेंट आपकी मैरिड लाइफ में प्रॉब्लम खड़ी कर सकता है। एक रिचर्स के मुताबिक, इससे किसी भी रिलेशन की स्टेबिलिटी खत्म होती है। यही नहीं, किसी और में इमोशनल सपोर्ट देखने को धोखा तक माना जा सकता है। 

नकुल और विभा ने स्कूल और कॉलेज साथ पास किया। उनकी दोस्ती बहुत जल्द प्यार में बदल गई थी। इस तरह दोनों का साथ तकरीबन 10 साल का रहा। लेकिन कास्ट अलग होने की वजह से वे शादी नहीं कर पाए। नकुल के पैरंट्स ने इस शादी की रजामंदी नहीं दी और दोनों ने अच्छे भारतीय बच्चों की तरह पैरंट्स की पसंद से शादी से कर ली। हालांकि नकुल अपनी वाइफ से जुड़ नहीं पाया और उसने उसे पहले ही क्लियर कर दिया कि विभा के साथ उसका इमोशनल अटैचमेंट हमेशा रहेगा, क्योंकि वह उससे बेहद गहराई से जुड़ा हुआ है। 

जाहिर है, इस तरह दोनों अपना-अपना रिश्ता निभा लेंगे और ऊपरी तौर पर यह नॉर्मल भी लगता है। लेकिन थोड़ा रुक कर सोचें, तो बहुत सारे सवाल एक साथ उठ खड़े होंगे। मसलन क्या नकुल अपनी वाइफ से कभी पूरी तरह जुड़ पाएगा? क्या अपनी एक्स के साथ उसकी करीबी उसकी शादीशुदा जिंदगी में तमाम प्रॉब्लम्स नहीं खड़ी करेगी? अपनी एक्स से नकुल के ऐसे रिश्ते को क्या नाम दिया जाए, अपनी वाइफ से धोखा या खुद के लिए सपोर्ट?

हालांकि डिक्शनरी के मुताबिक, नकुल का विभा से अटैचमेंट चीटिंग में नहीं आता, क्योंकि यहां यह साफ कहा गया है कि अपने पार्टनर के अलावा किसी और से सेक्सुअल रिलेशंस बनाना ही शादी में धोखा माना जाएगा। लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट में इससे अलग बात कही गई है। रिपोर्ट कहती है कि अगर आप अपने पार्टनर के अलावा किसी और पर इमोशनली डिपेंडेंट होते हैं, तो यह सेक्सुअल अफेयर जितना ही खतरनाक है। दरअसल, इस सिचुएशन में भी आप अपने पार्टनर से पूरी तरह कमिटेड नहीं रह पाते। 

टिकाऊ नहीं सेक्सुअल अफेयर 
क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट और साइकोथेरपिस्ट मानसी हासन कहती हैं , ' सेक्सुअल रिलेशंस एक टाइम लिमिटतक होते हैं। जैसे जैसे अट्रैक्शन खत्म होता है उसी के साथ सेक्सुअल अफेयर से भी मन हटने लगता है।लेकिन इमोशनल अटैचमेंट के केस में ऐसा नहीं होता। अगर आप किसी से इमोशनल लेवल पर बहुत गहराई सेजुड़ते हैं तो अलग होना मुश्किल हो जाता है। 

बन जाती है जरूरत 
जब भी आप अपनी इमोशनल इंवॉल्वमेंट से बाहर आने की कोशिश करेंगे तो आपके मन में यह सवाल जरूरआएगा कि लंबे समय तक साथ रहने और तमाम फीलिंग्स शेयर करने के बाद क्या यूं ही रिलेशन खत्म कर दियाजाए। या फिर क्या किसी और इंसान पर इस कदर भरोसा करना और उससे अपने मन की बात गहराई से शेयरकरना मुमकिन हो पाएगा ऐसे और भी सवाल आपके मन में उठेंगे और आप इन्हें इग्नोर भी नहीं कर पाएंगे।जैसे ही आप किसी के साथ इमोशनल लेवल पर इंवॉल्व होते हैं उसी के साथ आप उसे अपनी जिंदगी की एकजरूरत बना लेते हैं। मानसी कहती हैं , ' आमतौर पर यही माना जाता है कि पुरुषों का इमोशनल अटैचमेंटज्यादा नहीं होता जबकि यह सही नहीं है। बल्कि कहीं न कहीं उनकी जरूरत महिलाओं से ज्यादा होती है। हां ,लेकिन इतना जरूर है कि इस तरह के रिलेशन से बाहर आने में महिलाओं को ज्यादा वक्त लगता है। 

बन सकते हैं सेक्सुअल रिलेशंस 
कंसल्टेंट सायकायट्रिस्ट अंजली छाबडि़या कहती हैं , ' किसी ओर से इमोशनल अटैचमेंट होने पर आप अपनेपार्टनर से कटने लगते हैं। इस तरह आप उनसे उनका नॉर्मल बातचीत का हक भी छीन लेते हैं। बेशक इस तरहआपके स्पाउस को परेशानी होगी और उसके मन में तमाम तरह के सवाल उठेंगे जिनके सेंटर में सेक्स होगा। 

यह पता लगने पर कि आप किसी और से इमोशनली अटैच्ड हैं आपके पार्टनर को यही लगेगा कि इतने करीबहोने पर आपके सेक्सुअल रिलेशंस जरूर बने होंगे या फिर उसे यह सोचकर तकलीफ होगी कि उसमें ऐसी क्याकमी रही कि आपको किसी और के सहारे की जरूरत पड़ी। अंजलि इस बात से भी इनकार नहीं करतीं कि ऐसीसिचुएशन में आपके पार्टनर को यह भी लग सकता है कि उससे फिजिकल होते हुए आप किसी और के बारे मेंसोच रहे हों। जब एक बार इस तरह के सवाल मन को घेरने लगते हैं तो इनका कभी कोई सटीक जवाब नहींमिलता जिससे आपके पार्टनर को परेशानी होने लगती है। 

तय करें लिमिट 
ऐसा नहीं है कि अपने पार्टनर के अलावा आपका या आपकी दोस्त नहीं हो सकती और आप उस पर भरोसा नहींकर सकते लेकिन यह इमोशनल बॉन्डिंग हेल्दी होनी चाहिए। किसी कलीग से काम से जुड़ी बातें डिस्कस करनाठीक है लेकिन उससे लगभग हर छोटी बड़ी प्रॉब्लम शेयर करना सही नहीं होगा। इसलिए अपनी दोस्ती औरशेयरिंग इस हद तक ही रखें कि आपके पार्टनर को उससे कोई प्रॉब्लम न हो। 

होता है फील गुड फैक्टर 
अंजलि कहती हैं कि हो सकता है कि आपका पार्टनर आपसे उस तरीके से बात न करता हो जिस तरह की आपउम्मीद करते हैं। ऐसे में बहुत चांसेज हैं कि आप कोई ऐसा पार्टनर तलाश लें जिसके सामने आप अपनेसेंटीमेंट्स खुलकर रख सकें। यानी इस तरह लोग कुछ देर के लिए अपनी रियलिटी से मुंह मोड़ लेते हैं। लेकिनयह बात भी सच है कि जब तक आप अपने अंदर की बात कह नहीं पाएंगे तब तक चीजें आपको यूं ही परेशानकरेंगी। 


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