ROMANCE AND LOVE |
बगैर यह जाने कि सामने वाला व्यक्ति इस खामोश रिश्ते के बारे में क्या सोच रहा है। पर उस सपने की दुनिया को वह हकीकत में कैसे बदले इसका कोई खाका उनके पास नहीं होता है। जब परिस्थितियां बदलने लगती हैं तब उन्हें इस ख्याली रिश्ते को सजाए रखने में कठिनाई होती है। तब वे अपने इस ख्वाबों की दुनिया को तहस-नहस होते देख विचलित हो जाते हैं और उन्हें इस रिश्ते को बचाने का कोई उपाय समझ में नहीं आता है।
ऐसे ही सपने की दुनिया से बाहर निकलने को मजबूर हो गए हैं। अनीश (बदला हुआ नाम)। अनीश बीटेक थर्ड ईयर के छात्र हैं और पड़ोस की एक लड़की से मन ही मन प्रेम करते हैं। पिछले तीन वर्षों से यह एक मूक प्रेम का दृश्य अब उन्हें बदलता हुआ दिख रहा है क्योंकि छह महीनों से उस लड़की का कहीं निकलना बंद कर दिया गया है। साथ ही, उसकी शादी की बात भी चलाई जा रही है। अनीश को लगता है यदि यह शादी हो गई तो वह जीते जी मर जाएंगे।
अनीश जी, आपका भी जवाब नहीं। जिस लड़की का आप नाम तक नहीं जानते उसके बिछड़ जाने की कल्पना से ही आप अधमरे से हो गए हैं। इस जमाने में ऐसे प्रेमी मौजूद हैं, सचमुच आश्चर्य होता है। तीन वर्षों में जब आप उसका नाम तक पूछने का साहस नहीं जुटा पाए तो अचानक आप उसे अपने जीवन में शामिल करने की क्या योजना बना लेंगे। एक तो अभी आप अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और अत्मनिर्भर भी नहीं हैं। दूसरे, जो इस रिश्ते का मूल प्रश्न है कि वह लड़की आपके विषय में कितनी गंभीरता से सोचती है। आज तक न कोई बातचीत हुई और न ही कोई रजामंदी इसलिए उसकी कोई प्रतिबद्धता भी नहीं बनती है। यदि आप साहस जुटाकर उसके घर उसका हाथ मांगने पहुंच भी गए तो हो सकता है वह लड़की ही मना कर दे। आपने कहा कि पहले वह नौकरी करती थी पर उसके घरवालों ने उसे नौकरी पर जाने से रोक दिया।
उसे बालकनी में अकेले जाने की भी इजाजत नहीं है। जो लड़की घर वालों की खुशी के लिए या फिर डर से नौकरी तक छोड़ सकती है, क्या वह उनकी पसंद का विरोध कर पाएगी। जिस लड़की में अपनी मर्जी से घर में कहीं भी बैठने, आसपास घूमने तक की हिम्मत नहीं है वह लड़की अपने परिवार के सामने आपका कितना साथ देगी कभी यह सोचा है आपने।
यकीन मानिए वह लड़की केवल अपना समय अच्छा बिताने की गर्ज से आपको मिठास से देखती है। आप दोनों की जो उम्र है उसमें ऐसा आकर्षण आम बात है। वह आपसे एक वर्ष बड़ी है और आपका भीरू स्वभाव समझ रही है इसलिए यदि उसके मन में आपको लेकर गंभीर भावना होती तो निश्चित ही वह कोई प्रस्ताव सामने रखती। आखिर वह भी पढ़ी-लिखी, नौकरी कर चुकी लड़की है। सच तो यह है कि आप दोनों ही इस रिश्ते को लेकर उतने गंभीर नहीं हैं जितना आपको लगता है।
यदि जीवन मरण का प्रश्न होता तो आप कब का उससे इस विषय पर संवाद बना चुके होते। आपने जिस प्रकार बिना कुछ भी प्रयास किए प्यार की दुनिया बसा ली उसी प्रकार अब चाहते हैं कि बिना किसी अप्रिय हालात का सामना किए शादी भी आपकी झोली में कोई डाल दे। यह हरगिज नहीं होगा। पारंपरिक शादी विवाह में भी बहुत पापड़ बेले जाते हैं। इसलिए इस मौन रिश्ते को अनजान ही रहने दें।
आपका पहला फर्ज अभी आपकी पढ़ाई है। अपने कैरियर को अपने दांव पर न लगाएं। उसका परिवार बहुत अच्छे समृद्ध परिवार में उसकी शादी करे तो हो सकता है वह लड़की, आपको बिल्कुल भी याद न करे क्योंकि न तो उसने आपका प्यार देखा और न ही वह आपके स्वभाव से परिचित है। फिर वह किस आधार पर आपके लिए अपने परिवार से पंगा लेगी। अपने मां-बाप के विरुद्ध जाना एक बहुत बड़ा कदम होता है यह और यह तभी उठाया जाता है जब दूसरे पक्ष पर बेइंतहा भरोसा हो। उनके बिना भी अपनी जिंदगी जी लेने का पूरा विश्वास हो। इस विश्वास को बिना आर्थिक निर्भरता के अमली जामा नहीं पहनाया जा सकता है।
यह अच्छी बात है कि उसको भुलाने के लिए आपके पास ज्यादा यादें नहीं हैं। आप चाहें तो कोई भी विपत्ति आने पर व्यक्ति को उसका स्वास्थ्य और ज्ञान ही उसे जीने में काम आता है। यह दोनों जब तक आपके पास हैं आप सफल रहेंगे और आपको ढेरों प्यार करने वाले भी मिल जाएंगे। जो आपके लिए न तड़पे, न मरे, दूसरी जगह शादी कर ले उसके लिए आप क्यों मरें। अगर वह प्यार करती होगी तो शादी तय होने से पहले आपको पूछेगी। ऐसा नहीं होता है तो खुशी-खुशी उसे शादी करने दें।
7 टिप्पणियां:
जन्माष्टमी की शुभ कामनाएँ।
कल 23/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
bhaut sarthak post....
sundar post....
बिल्कुल सही कहा।
बहुत सही कहा है आपने ।
अच्छा सन्देश ... सटीक विश्लेषण
बहुत-बहुत धन्यवाद आप सभी .... सागरजी, सुषमाजी, वंदनाजी, सदाजी व संगीताजी को, जो आपलोगों ने इस आलेख को अंतरात्मा से सराहा और अपनी टिप्पणी दी. माथुर जी को साधुवाद देना चाहूँगा जो इस आलेख को उचित स्थान दिया.. माथुर जी आपको भी जन्माष्टमी के साथ-साथ गणेशोत्सव की हार्दिक बधाई...
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