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गुरुवार, 22 सितंबर 2011


रिश्तों की कसमसाहट!

रूठ जाते है रिश्ते
बिना शिकायत
टूट जाते है रिश्ते
बिना खटखटाए
ग़ुम हो जाते है रिश्ते
बिना बताये
भुलाये जाते है रिश्ते
बिना नज़रे मिलाये
आँखें बंद करते ही
जड़ हो जाते है रिश्ते
कसमसाहट बन
आवाजें खोते जाते है, रिश्ते!

पुराने और नए
मीठे और खट्टे
तीखे और जायकेदार
हमेशा के लिए
सो जाते है
धीरे-धीरे हाथ से फिसल जाते है, रिश्ते!

2 टिप्‍पणियां:

SHAKUN TRIVEDI ने कहा…

kafi achchhi definition di hai rishto ki.gud.

RAJ ने कहा…

jo bhi likha hai... usko mahsus kiya hai...tab jakar likha hai...

ya haqiqat or aam bat ho gaya hai...