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सोमवार, 1 अगस्त 2011

Na Rahi Aaj Apni wo Kahani

खुबसूरत भारतीय महिला 

na rahi aaj apni wo kahani, 
na wo haseen din na wo raate suhani  
fir bhi hame aziz h unki har nishani  
chahe wo dil ka dard ho, ya ankho ka pani.....

ना रही आज अपनी वो कहानी, 
ना वो हसीन दिन ना वो रातें सुहानी,   
फिर भी हमें अज़ीज़ है उनकी हर निशानी,  
चाहे वो दिल का दर्द हो, या आँखों का पानी.....

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