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शुक्रवार, 4 नवंबर 2011

प्यार में इकरार और इजहार दोनों जरूरी

प्यार में उठो, गिरो नहीं








उम्र जैसे ही बचपन का चोला छोड़कर जवानी की दहलीज पर कदम रखती है, दुनिया की हर चीज बदलकर खूबसूरत नजर आने लगती है। 

जवानी में दुनिया को देखने का नजरिया ही बदल जाता है। इस उम्र में वैसे भी बड़ी से बड़ी सच्चाइयां नजर नहीं आती हैं और रही-सही कसर यह मोहब्बत शब्द पूरी कर देता है।

आखिर यह मोहब्बत है क्या चीज? जिसे करना तो सभी चाहते हैं, लेकिन जानता कोई भी नहीं है। यदि मोहब्बत इतनी रहस्यमय न होती तो क्या मिर्जा गालिब 'इस इश्क के कायदे भी अजब हैं गालिब, करो तो बेहाल हैं, न करो तो बेहाल' जैसा शेर लिखते? 

आपने कभी गौर किया है कि इस प्रेम, प्यार जैसे शब्दों को लेकर कितने विवाद रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि यह तो एक भावना है, जिसका एहसास धीरे-धीरे ही होता है, लेकिन कुछ तो बिलकुल यकीन के साथ कहते हैं, यह तो पहली नजर का प्यार है जो बस एक बार देखते ही हो जाता है। यह एक तीर है जो दिल के पार हो जाता है।


यह मोहब्बत का तीर है, जिगर के पार हो जाता है पता भी नहीं चलता, न जाने कब प्यार हो जाता है इस बारे में एक बात तो तय है कि दुनिया चाहे कुछ भी बोलती रहे, प्यार करने वाले इस बेकार के विवाद में नहीं फंसते कि प्यार और पहली नजर में कोई रिश्ता होता है या नहीं? 

प्रेमी युगल तो प्यार में डूबते हैं और उन अनमोल क्षणों को बांधकर, सहेजकर रखने के लिए पूरा जोर लगा देते हैं। और फिर बताइए इसमें गलत भी क्या है? प्यार तो ईश्वर का प्रसाद ही है, बशर्ते आप उसे गलत जगह, गलत तरीके से इस्तेमाल न करें।


क्या आप जानते हैं प्यार में सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण चीज क्या है? नहीं न। प्यार में सबसे महत्वपूर्ण है टाइमिंग्स। यह सुनने में अजीब लगता है, लेकिन यही सच है। 

सोचिए यदि आपको किसी से प्यार हो जाए और आप वक्त पर इसका इजहार ही न कर पाएं तो इसका फायदा ही क्या, इसलिए जैसे ही आपके दिल में कुछ-कुछ होने लगे, कोई आंखों के रास्ते दिल में उतरने लगे, तब सही मौका देखकर उसे बता ही दीजिए मुझे मोहब्बत सी हो गई है। 

और हां, याद रखिए प्यार में हमेशा उठें, गिरे नहीं।

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